माननीय कुलपति महोदय छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर, क्या आपकी आँखे अब भी नही खुली ये फोटोग्राफ बहुत कुछ कह रहे है इन्हें कृपया समझने की कोशिश करें.
१. आपका सारा सिस्टम तब तक फेल रहेगा जब तक आप नयी बोतल में पुराणी शराब डालते रहेगें . इस बात में कोई संदेह नही है कि आप प्रयत्न करे है किन्तु जिन लोगो से आप घिरे है न उन लोगो ने इससे पहले वाले वी सी और इससे इससे पहले वाले वी सी के द्वारा शुरू किये गए कार्यों पर पानी डाल दिया था. पहचानिए उनको और बिना किसी मुरौवत के आउट कीजिये
२. सेल्फ फाइनेंस कालेजो में टीचर्स को ताकत दीजिये उनको वेतन यूनिवर्सिटी के माध्यम से दिलवाइये.
३. सेल्फ फाइनेंस कालेज को मान्यता देते वक्त स्वयं निरीक्षण हेतु जाइए. आपके द्वारा नियुक्त निरीक्षक पैसा खा के चले आते है.
४. नक़ल मिलने पर केंद्र को डीबार कर दीजिये परीक्षा यूनिवर्सिटी कैम्पस में करवाइए और इसका खर्चा सम्बंधित कालेज से लीजिये.
५. ईमानदार लोगो शिक्षको छात्रो को ढूंढ ढूंढ कर लाइए और उन्हें प्रमोट कीजिये
अगर आप बिना अहंभाव लाये इन उपायों को अपनाते है तो निश्चित ही कानपुर यूनिवर्सिटी के इतिहास में आप शिखरपुरूष होंगे.
बात तो सही कही है, पर जब समझ में आए तब न।
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ब्लॉगिंग को प्रोत्साहन चाहिए?
लिंग से पत्थर उठाने का हठयोग।
"राजा अइले राजा अइले
जवाब देंहटाएंपरजा भैले खुस्स
राजा ऐले नचले गैले
बाद में कैले फुस्स "
सुधार के उपाय सटीक है अहंभाव छोड़कर माननीय कुलपति जी इन्हें अपनाए
shaayaad vc mahoday ke samajh me nahi aata hai.isame unka igo shamil hai.
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