गुरुवार, 24 मई 2012

आज वह हम्माम देखिए जिसमे.....की फौज भरी है. भारतीय मीडिया का सबसे बड़ा गैंग : भारतीय मीडिया की हकीकत

 अरुंधती रॉय, प्रणव रॉय (NDTV) की भांजी हैं। -प्रणव रॉय “काउंसिल ऑन फ़ॉरेन रिलेशन्स” के इंटरनेशनल सलाहकार बोर्ड के सदस्य हैं। -इसी बोर्ड के एक अन्य सदस्य हैं मुकेश अम्बानी। -प्रणव रॉय की पत्नी हैं राधिका रॉय। -राधिका रॉय, बृन्दा करात की बहन हैं। -बृन्दा करात, प्रकाश करात (CPI) की पत्नी हैं। -प्रकाश करात चेन्नै के “डिबेटिंग क्लब” के सदस्य थे। -एन राम, पी चिदम्बरम और मैथिली शिवरामन भी इस ग्रुप के सदस्य थे। -इस ग्रुप ने एक पत्रिका शुरु की थी “रैडिकल रीव्यू”। -CPI(M) के एक वरिष्ठ नेता सीताराम येचुरी की पत्नी हैं सीमा चिश्ती। -सीमा चिश्ती इंडियन एक्सप्रेस की “रेजिडेण्ट एडीटर” हैं। -बरखा दत्त NDTV में काम करती हैं। -बरखा दत्त की माँ हैं श्रीमती प्रभा दत्त। -प्रभा दत्त हिन्दुस्तान टाइम्स की मुख्य रिपोर्टर थीं। -राजदीप सरदेसाई पहले NDTV में थे, अब CNN-IBN के हैं (??)। -राजदीप सरदेसाई की पत्नी हैं सागरिका घोष।-सागरिका घोष के पिता हैं दूरदर्शन के पूर्व महानिदेशक भास्कर घोष। -सागरिका घोष की आंटी रूमा पॉल हैं। -रूमा पॉल उच्चतम न्यायालय की पूर्व न्यायाधीश हैं। -सागरिका घोष की दूसरी आंटी अरुंधती घोष हैं -अरुंधती घोष संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थाई प्रतिनिधि हैं-CNN-IBN का “ग्लोबल बिजनेस नेटवर्क” (GBN) से व्यावसायिक समझौता है। -GBN टर्नर इंटरनेशनल और नेटवर्क-18 की एक कम्पनी है। -NDTV भारत का एकमात्र चैनल है को “अधिकृत रूप से” पाकिस्तान में दिखाया जाता है -दिलीप डिसूज़ा PIPFD (Pakistan-India Peoples’ Forum for Peace and Democracy) के सदस्य हैं। -दिलीप डिसूज़ा के पिता हैं जोसेफ़ बेन डिसूज़ा। -जोसेफ़ बेन डिसूज़ा महाराष्ट्र सरकार के पूर्व सचिव रह चुके हैं। -तीस्ता सीतलवाड भी PIPFD की सदस्य हैं। -तीस्ता सीतलवाड के पति हैं जावेद आनन्द। -जावेद आनन्द एक कम्पनी सबरंग कम्युनिकेशन और एक संस्था “मुस्लिम फ़ॉर सेकुलर डेमोक्रेसी” चलाते हैं। -इस संस्था के प्रवक्ता हैं जावेद अख्तर। -जावेद अख्तर की पत्नी हैं शबाना आज़मी। -करण थापर ITV के मालिक हैं। -ITV बीबीसी के लिये कार्यक्रमों का भी निर्माण करती है। -करण थापर के पिता थे जनरल प्राणनाथ थापर (1962 का चीन युद्ध इन्हीं के नेतृत्व में हारा गया था)। -करण थापर बेनज़ीर भुट्टो और ज़रदारी के बहुत अच्छे मित्रों में शुमार हैं। -करण थापर के मामा की शादी नयनतारा सहगल से हुई है। -नयनतारा सहगल, विजयलक्ष्मी पंडित की बेटी हैं। -विजयलक्ष्मी पंडित, जवाहरलाल नेहरू की बहन हैं। -मेधा पाटकर नर्मदा बचाओ आन्दोलन की मुख्य प्रवक्ता और कार्यकर्ता हैं।-नबाआं को मदद मिलती है पैट्रिक मेकुल्ली से जो कि “इंटरनेशनल रिवर्स नेटवर्क (IRN)” संगठन में हैं। -अंगना चटर्जी IRN की बोर्ड सदस्या हैं। -अंगना चटर्जी PROXSA (Progressive South Asian Exchange Network) की भी सदस्या हैं। -PROXSA संस्था, FOIL (Friends of Indian Leftist) से पैसा पाती है। -अंगना चटर्जी के पति हैं रिचर्ड शेपायरो। -FOIL के सह-संस्थापक हैं अमेरिकी वामपंथी बिजू मैथ्यू। -राहुल बोस (अभिनेता) खालिद अंसारी के रिश्ते में हैं। -खालिद अंसारी “मिड-डे” पब्लिकेशन के अध्यक्ष हैं। -खालिद अंसारी एमसी मीडिया लिमिटेड के भी अध्यक्ष हैं। -खालिद अंसारी, अब्दुल हमीद अंसारी के पिता हैं। -अब्दुल हमीद अंसारी कांग्रेसी हैं। -एवेंजेलिस्ट ईसाई और हिन्दुओं के खास आलोचक जॉन दयाल मिड-डे के दिल्ली संस्करण के प्रभारी हैं। -नरसिम्हन राम (यानी एन राम) दक्षिण के प्रसिद्ध अखबार “द हिन्दू” के मुख्य सम्पादक हैं। -एन राम की पहली पत्नी का नाम है सूसन। -सूसन एक आयरिश हैं जो भारत में ऑक्सफ़ोर्ड पब्लिकेशन की इंचार्ज हैं। -विद्या राम, एन राम की पुत्री हैं, वे भी एक पत्रकार हैं। -एन राम की हालिया पत्नी मरियम हैं। -त्रिचूर में आयोजित कैथोलिक बिशपों की एक मीटिंग में एन राम, जेनिफ़र अरुल और केएम रॉय ने भाग लिया है। -जेनिफ़र अरुल, NDTV की दक्षिण भारत की प्रभारी हैं। -जबकि केएम रॉय “द हिन्दू” के संवाददाता हैं। -केएम रॉय “मंगलम” पब्लिकेशन के सम्पादक मंडल सदस्य भी हैं। -मंगलम ग्रुप पब्लिकेशन एमसी वर्गीज़ ने शुरु किया है। -केएम रॉय को “ऑल इंडिया कैथोलिक यूनियन लाइफ़टाइम अवार्ड” से सम्मानित किया गया है। -“ऑल इंडिया कैथोलिक यूनियन” के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं जॉन दयाल। -जॉन दयाल “ऑल इंडिया क्रिश्चियन काउंसिल”(AICC) के सचिव भी हैं। -AICC के अध्यक्ष हैं डॉ जोसेफ़ डिसूज़ा। -जोसेफ़ डिसूज़ा ने “दलित फ़्रीडम नेटवर्क” की स्थापना की है। -दलित फ़्रीडम नेटवर्क की सहयोगी संस्था है “ऑपरेशन मोबिलाइज़ेशन इंडिया” (OM India)। -OM India के दक्षिण भारत प्रभारी हैं कुमार स्वामी। -कुमार स्वामी कर्नाटक राज्य के मानवाधिकार आयोग के सदस्य भी हैं। -OM India के उत्तर भारत प्रभारी हैं मोजेस परमार। -OM India का लक्ष्य दुनिया के उन हिस्सों में चर्च को मजबूत करना है, जहाँ वे अब तक नहीं पहुँचे हैं। -OMCC दलित फ़्रीडम नेटवर्क (DFN) के साथ काम करती है। -DFN के सलाहकार मण्डल में विलियम आर्मस्ट्रांग शामिल हैं। -विलियम आर्मस्ट्रांग, कोलोरेडो (अमेरिका) के पूर्व सीनेटर हैं और वर्तमान में कोलोरेडो क्रिश्चियन यूनिवर्सिटी के प्रेसीडेण्ट हैं। यह यूनिवर्सिटी विश्व भर में ईसा के प्रचार हेतु मुख्य रणनीतिकारों में शुमार की जाती है। -DFN के सलाहकार मंडल में उदित राज भी शामिल हैं। -उदित राज के जोसेफ़ पिट्स के अच्छे मित्र भी हैं। -जोसेफ़ पिट्स ने ही नरेन्द्र मोदी को वीज़ा न देने के लिये कोंडोलीज़ा राइस से कहा था। -जोसेफ़ पिट्स “कश्मीर फ़ोरम” के संस्थापक भी हैं। -उदित राज भारत सरकार के नेशनल इंटीग्रेशन काउंसिल (राष्ट्रीय एकता परिषद) के सदस्य भी हैं। -उदित राज कश्मीर पर बनी एक अन्तर्राष्ट्रीय समिति के सदस्य भी हैं। -सुहासिनी हैदर, सुब्रह्मण्यम स्वामी की पुत्री हैं। -सुहासिनी हैदर, सलमान हैदर की पुत्रवधू हैं। -सलमान हैदर, भारत के पूर्व विदेश सचिव रह चुके हैं, चीन में राजदूत भी रह चुके हैं। -रामोजी ग्रुप के मुखिया हैं रामोजी राव। -रामोजी राव “ईनाडु” (सर्वाधिक खपत वाला तेलुगू अखबार) के संस्थापक हैं। -रामोजी राव ईटीवी के भी मालिक हैं। -रामोजी राव चन्द्रबाबू नायडू के परम मित्रों में से हैं। -डेक्कन क्रॉनिकल के चेयरमैन हैं टी वेंकटरमन रेड्डी। -रेड्डी साहब कांग्रेस के पूर्व राज्यसभा सदस्य हैं। -एमजे अकबर डेक्कन क्रॉनिकल और एशियन एज के सम्पादक हैं। -एमजे अकबर कांग्रेस विधायक भी रह चुके हैं। -एमजे अकबर की पत्नी हैं मल्लिका जोसेफ़। -मल्लिका जोसेफ़, टाइम्स ऑफ़ इंडिया में कार्यरत हैं। -वाय सेमुअल राजशेखर रेड्डी आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री हैं। -सेमुअल रेड्डी के पिता राजा रेड्डी ने पुलिवेन्दुला में एक डिग्री कालेज व एक पोलीटेक्नीक कालेज की स्थापना की।सेमुअल रेड्डी ने कहा है कि आंध्रा लोयोला कॉलेज में पढ़ाई के दौरान वे इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने उक्त दोनों कॉलेज लोयोला समूह को दान में दे दिये। -सेमुअल रेड्डी की बेटी हैं शर्मिला। -शर्मिला की शादी हुई है “अनिल कुमार” से। अनिल कुमार भी एक धर्म-परिवर्तित ईसाई हैं जिन्होंने “अनिल वर्ल्ड एवेंजेलिज़्म” नामक संस्था शुरु की और वे एक सक्रिय एवेंजेलिस्ट (कट्टर ईसाई धर्म प्रचारक) हैं। -सेमुअल रेड्डी के पुत्र जगन रेड्डी युवा कांग्रेस नेता हैं। -जगन रेड्डी “जगति पब्लिकेशन प्रा. लि.” के चेयरमैन हैं। -भूमना करुणाकरा रेड्डी, सेमुअल रेड्डी की करीबी हैं। -करुणाकरा रेड्डी, तिरुमला तिरुपति देवस्थानम की चेयरमैन हैं। -चन्द्रबाबू नायडू ने आरोप लगाया था कि “लैंको समूह” को जगति पब्लिकेशन्स में निवेश करने हेतु दबाव डाला गया था। -लैंको कम्पनी समूह, एल श्रीधर का है। -एल श्रीधर, एल राजगोपाल के भाई हैं। -एल राजगोपाल, पी उपेन्द्र के दामाद हैं। -पी उपेन्द्र केन्द्र में कांग्रेस के मंत्री रह चुके हैं। -सन टीवी चैनल समूह के मालिक हैं कलानिधि मारन -कलानिधि मारन एक तमिल दैनिक “दिनाकरन” के भी मालिक हैं। -कलानिधि के भाई हैं दयानिधि मारन। -दयानिधि मारन केन्द्र में संचार मंत्री थे। -कलानिधि मारन के पिता थे मुरासोली मारन। -मुरासोली मारन के चाचा हैं एम करुणानिधि (तमिलनाडु के मुख्यमंत्री)। -करुणानिधि ने ‘कैलाग्नार टीवी” का उदघाटन किया। -कैलाग्नार टीवी के मालिक हैं एम के अझागिरी। -एम के अझागिरी, करुणानिधि के पुत्र हैं। -करुणानिधि के एक और पुत्र हैं एम के स्टालिन। -स्टालिन का नामकरण रूस के नेता के नाम पर किया गया। -कनिमोझि, करुणानिधि की पुत्री हैं, और केन्द्र में राज्यमंत्री हैं। -कनिमोझी, “द हिन्दू” अखबार में सह-सम्पादक भी हैं। -कनिमोझी के दूसरे पति जी अरविन्दन सिंगापुर के एक जाने-माने व्यक्ति हैं। -स्टार विजय एक तमिल चैनल है। -विजय टीवी को स्टार टीवी ने खरीद लिया है। -स्टार टीवी के मालिक हैं रूपर्ट मर्डोक।   -Act Now for Harmony and Democracy (अनहद) की संस्थापक और ट्रस्टी हैं शबनम हाशमी। -शबनम हाशमी, गौहर रज़ा की पत्नी हैं। -“अनहद” के एक और संस्थापक हैं के एम पणिक्कर। -के एम पणिक्कर एक मार्क्सवादी इतिहासकार हैं, जो कई साल तक ICHR में काबिज रहे। -पणिक्कर को पद्मभूषण भी मिला। -हर्ष मन्दर भी “अनहद” के संस्थापक हैं। -हर्ष मन्दर एक मानवाधिकार कार्यकर्ता हैं। -हर्ष मन्दर, अजीत जोगी के खास मित्र हैं। -अजीत जोगी, सोनिया गाँधी के खास हैं क्योंकि वे ईसाई हैं और इन्हीं की अगुआई में छत्तीसगढ़ में जोरशोर से धर्म-परिवर्तन करवाया गया और बाद में दिलीपसिंह जूदेव ने परिवर्तित आदिवासियों की हिन्दू धर्म में वापसी करवाई। -कमला भसीन भी “अनहद” की संस्थापक सदस्य हैं। -फ़िल्मकार सईद अख्तर मिर्ज़ा “अनहद” के ट्रस्टी हैं।   -मलयालम दैनिक “मातृभूमि” के मालिक हैं एमपी वीरेन्द्रकुमार -वीरेन्द्रकुमार जद(से) के सांसद हैं (केरल से) -केरल में देवेगौड़ा की पार्टी लेफ़्ट फ़्रण्ट की साझीदार है। -शशि थरूर पूर्व राजनैयिक हैं। -चन्द्रन थरूर, शशि थरूर के पिता हैं, जो कोलकाता की आनन्दबाज़ार पत्रिका में संवाददाता थे। -चन्द्रन थरूर ने 1959 में द स्टेट्समैन” की अध्यक्षता की। -शशि थरूर के दो जुड़वाँ लड़के ईशान और कनिष्क हैं, ईशान हांगकांग में “टाइम्स” पत्रिका के लिये काम करते हैं। -कनिष्क लन्दन में “ओपन डेमोक्रेसी” नामक संस्था के लिये काम करते हैं। -शशि थरूर की बहन शोभा थरूर की बेटी रागिनी (अमेरिकी पत्रिका) “इंडिया करंट्स” की सम्पादक हैं। -परमेश्वर थरूर, शशि थरूर के चाचा हैं और वे “रीडर्स डाइजेस्ट” के भारत संस्करण के संस्थापक सदस्य हैं। -शोभना भरतिया हिन्दुस्तान टाइम्स समूह की अध्यक्षा हैं। -शोभना भरतिया केके बिरला की पुत्री और जीड़ी बिरला की पोती हैं -शोभना राज्यसभा की सदस्या भी हैं जिन्हें सोनिया ने नामांकित किया था। -शोभना को 2005 में पद्मश्री भी मिल चुकी है। -शोभना भरतिया सिंधिया परिवार की भी नज़दीकी मित्र हैं। -करण थापर भी हिन्दुस्तान टाइम्स में कालम लिखते हैं। -पत्रकार एन राम की भतीजी की शादी दयानिधि मारन से हुई है।
Courtesy: Mukesh Bhartiya and Rakesh Mishra
http://punarnavbharat.wordpress.com/2011/07/27
 

सोमवार, 14 मई 2012

कोई लाकर मुझे दे -------


एक छोटी सी बच्ची ने मुझ से पूछा क्या आप का ये लेपटाप कही भी संदेश पहुचा सकता है ? तो मैने कहा हा.  उसने एक कागज का टुकड़ा जो कुछ पुराना और मुड़ा हुआ था मेरी टेबिल पर रख दिया,  देखिये उसमे क्या लिखा  था ......










 "कोई लाकर मुझे दे
 कुछ रंग भरे फूल,
 कुछ खट्टे मीठे फल
 थोड़ी बांसुरी की धुन
 थोडा जमुना का जल
 कोई लाकर मुझे दे
 एक सोने जड़ा दिन
 एक रूपों भरी रात
 एक फूलो भरा गीत
 एक गीतों भरी बात
 कोई लाके मुझे दे
 एक टुकड़ा छाव  का
 एक धूप की घडी
 एक बादलो का कोट
 कुछ बून्दो की छड़ी
 कोई लाके मुझे दे
 एक छुटी वाला दिन
 एक अच्छी सी किताब
 एक मीठा सा सवाल
 एक नन्हा सा जवाब
 कोई लाकर मुझे दे"

इस कविता के अंत में लिखा था भगवन जी ये सब अगर नहीं दे सकते तो हम बच्चो की दुनिया बड़ो से अलग
कर दो बड़े तो हमेशा लड़ते रहते है  ......    

शुक्रवार, 11 मई 2012

शपथ न.19 मैं हिंदू धर्म का त्याग करता हूँ जो मानवता के लिए हानिकारक है और उन्नति और मानवता के विकास में बाधक है क्योंकि यह असमानता पर आधारित है, और स्व-धर्मं के रूप में बौद्ध धर्म को अपनाता हूँ

आज जब मै अपने आस पास नजर दौडाता हू तो देखता हू कि हमारे महापुरुष राष्ट्रीय न हो कर जातीय महापुरुष  बन गये है. आखिर ये जहर और पागलपन की फसल हम किसके  लिये बो रहे है और कौन  इसे काटेगा. डा अम्बेडकर की मेहनत और उनकी ,मेधा को सलाम करता हू किंतु जो जहर वह फैला गये है वह भी केवल बदले के भाव मे बह कर, उसके लिये मेरे मन मे अतीव रोष है. व्यक्ति अपने जीवन काल मे जो करता है उसका मूल्यांकन आने वाली पीढीया करती है. उन्होने धम्म परिवर्तन के समय जो 22 प्रतिज्ञाये  करायी थी उससे क्या समाज एक समरस भाव से सयुक्त रह सकता है? डा बी.आर. अम्बेडकर ने  बौद्ध धर्मं में परिवर्तन के अवसर पर,15 अक्टूबर 1956 को अपने अनुयायियों के लिए 22 प्रतिज्ञाएँ निर्धारित कीं.उन्होंने इन शपथों को निर्धारित किया ताकि हिंदू धर्म के बंधनों को पूरी तरह पृथक किया जा सके.इनमे से कुछ प्रतिज्ञाएँ हिंदू मान्यताओं और पद्धतियों की जड़ों पर गहरा आघात करती हैं.  प्रसिद्ध 22 प्रतिज्ञाएँ निम्न हैं:

  1. मैं ब्रह्मा, विष्णु और महेश में कोई विश्वास नहीं करूँगा और न ही मैं उनकी पूजा करूँगा
  2. मैं राम और कृष्ण, जो भगवान के अवतार माने जाते हैं, में कोई आस्था नहीं रखूँगा और न ही मैं उनकी पूजा करूँगा
  3. मैं गौरी, गणपति और हिन्दुओं के अन्य देवी-देवताओं में आस्था नहीं रखूँगा और न ही मैं उनकी पूजा करूँगा.
  4. मैं भगवान के अवतार में विश्वास नहीं करता हूँ
  5. मैं यह नहीं मानता और न कभी मानूंगा कि भगवान बुद्ध विष्णु के अवतार थे. मैं इसे पागलपन और झूठा प्रचार-प्रसार मानता हूँ
  6. मैं श्रद्धा (श्राद्ध) में भाग नहीं लूँगा और न ही पिंड-दान दूँगा.
  7. मैं बुद्ध के सिद्धांतों और उपदेशों का उल्लंघन करने वाले तरीके से कार्य नहीं करूँगा
  8. मैं ब्राह्मणों द्वारा निष्पादित होने वाले किसी भी समारोह को स्वीकार नहीं करूँगा
  9. मैं मनुष्य की समानता में विश्वास करता हूँ
  10. मैं समानता स्थापित करने का प्रयास करूँगा
  11. मैं बुद्ध के आष्टांगिक मार्ग का अनुशरण करूँगा
  12. मैं बुद्ध द्वारा निर्धारित परमितों का पालन करूँगा.
  13. मैं सभी जीवित प्राणियों के प्रति दया और प्यार भरी दयालुता रखूँगा तथा उनकी रक्षा करूँगा.
  14. मैं चोरी नहीं करूँगा.
  15. मैं झूठ नहीं बोलूँगा
  16. मैं कामुक पापों को नहीं करूँगा.
  17. मैं शराब, ड्रग्स जैसे मादक पदार्थों का सेवन नहीं करूँगा.
  18. मैं महान आष्टांगिक मार्ग के पालन का प्रयास करूँगा एवं सहानुभूति और प्यार भरी दयालुता का दैनिक जीवन में अभ्यास करूँगा.
  19. मैं हिंदू धर्म का त्याग करता हूँ जो मानवता के लिए हानिकारक है और उन्नति और मानवता के विकास में बाधक है क्योंकि यह असमानता पर आधारित है, और स्व-धर्मं के रूप में बौद्ध धर्म को अपनाता हूँ
  20. मैं दृढ़ता के साथ यह विश्वास करता हूँ की बुद्ध का धम्म ही सच्चा धर्म है.
  21. मुझे विश्वास है कि मैं फिर से जन्म ले रहा हूँ (इस धर्म परिवर्तन के द्वारा).
  22. मैं गंभीरता एवं दृढ़ता के साथ घोषित करता हूँ कि मैं इसके (धर्म परिवर्तन के) बाद अपने जीवन का बुद्ध के सिद्धांतों व शिक्षाओं एवं उनके धम्म के अनुसार मार्गदर्शन करूँगा.

अब पाठक गण तय करे कि शपथ न 19 क्या घृणा और साम्प्रदायिकता को पोषित नही करता? अवतारो को सिरे से खारिज करने वाले अम्बेडकर को बोधिसत्व बताने वालो पर मुकदमा नही चलाया जाना चाहिये? और महज प्रारूप समिति को देखने वाले अम्बेडकर को भारतीय संविधान का निर्माता कैसे मान लिया गया

भारतीय संविधान का निर्माता कौन है यदि कोई ज्ञानी पुरुष इस ब्लाग पर आकर इस गुत्थी को सुलझाये तो महान दया होगी. भारतीय संविधान निर्माण हेतु 13 समितियो का गठन किया गया था जो इस प्रकार है
नियम समितिडॉ. राजेंद्र प्रसाद (संविधान सभा के अध्यक्ष्)
संघ शक्ति समितिपं जवाहर लाल नेहरू
संघ संविधान समितिपं जवाहर लाल नेहरू
प्रांतीय संविधान समितिसरदार वल्लभ भाई पटेल
संचालन समितिडॉ. राजेंद्र प्रसाद
प्रारूप समितिडॉ. भीमराव अम्बेडकर
झण्डा समितिजे. बी. कृपलानी
राज्य समितिपं जवाहर लाल नेहरू
परामर्श समितिसरदार वल्लभ भाई पटेल
सर्वोच्च न्यायालय समितिएस. वारदाचारियार
मूल अधिकार उपसमितिजे. बी. कृपलानी
अल्पसंख्यक उपसमितिएच. सी. मुखर्जी
अब आप तय करे कि इनमे से क्या किसी व्यक्ति को महज इसलिये संविधान निर्माता कहा जाय कि उससे एक वर्ग विशेष का वोट मिलेगा. 
देश ऐसी स्थिति मे है जहा पर असहिस्णुता का पागलपन बात बात मे जबान काटे ले रहा है अनुरोध है एक नागरिक, हिन्दुस्तानी और सच्चे इंसान होने का फर्ज़ निभाये और स्याह सफेद करने का बूता रखे.
जय हिद.

गुरुवार, 10 मई 2012

छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय से सम्बध्द निजी महाविद्यालय का संचालन फर्जी अनुमोदन के बल पर चल रहा है


छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय से सम्बध्द निजी महाविद्यालय का संचालन फर्जी अनुमोदन के बल पर चल रहा है.जी हां चौकिये नहीं ये बात एकदम सच है .निजी महाविद्यालय में जो अनुमोदित टीचर है वो केवल कागज तक ही सीमित है वास्तविक तौर पर नहींअसल में ये टीचर दुसरे विश्वविद्यालय में अध्यापन कार्य कर रहे है.छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय से सम्बध्द निजी महाविद्यालय में टीचरों का फर्जी अनुमोदन है वास्तव में ये टीचर बुंदेलखंड विश्वविद्यालय ,आगरा विश्वविद्यालय ,मेरठ विश्वविद्यालय में अध्यापन कार्य कर रहे है या फिर प्राथमिक या माध्मिक विद्यालय में सरकारी नौकरी कर रहे है.जी हां ये बात एकदम सच है.

अब देखे की कैसे होता है फर्जी अनुमोदन

इन निजी महाविद्यालय के प्रबंधको के द्वारा महाविद्यालय की तरफ से विज्ञप्ति अखबार में निकाली जाती है जिसमे मांग दर्शाई जाती की अमुक विषय की जगह अमुक महाविद्यालय में खाली है .यू जी सी मानक अभ्यर्थी सम्पूर्ण विवरण के साथ आवेदन करे ,वेतन यू जी सी मानक के अनुसार.बेचारे पढ़े  लिखे लोग लालच में आ कर आवेदन कर देते है .आवेदन करने के पश्चात कुछ प्रबंधक तो अभ्यर्थी को बुला लेते है और पूरे साल के केवल कागजो के रेट तय कर लेते है जो १५ हजार से २५ हजार तक  होता है यानी अभ्यर्थी को बिना अध्यापन कार्य किये उस महाविद्यालय से १५ से २५ हजार रुपये तक पूरे साल के दे दिए जाते है और एसे टीचर शायद इस समय परीक्षा में मूल्याकन में भी योगदान कर रहे है .दुसरे वे दबंग प्रबंधक होते है जो अभ्यर्थी का अनुमोदन भी करा लेते है और उसे ना तो साल का पैसा देते है और न ही उसे महाविद्यालय में पदाने देते है.आज शायद छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय में शायद ही कोई महाविद्यालय एसा होगा जिसमे सभी विषय के अनुमोदित टीचर हो.बहुत से तो ऐसे  महाविद्यालय है जिनमे पूरे साल भर स्टाफ  के नाम पर केवल चपरासी और बाबू मिलते है टीचर दूर दूर तक नहीं दिखाते है.असल में इस तरह के महाविद्यालय में शिक्षा का उद्देश्य केवल शिक्षा के नाम पर पैसा बनाना है और परीक्षा  में जम के नक़ल करवाना है.अगर आप टीचर का फर्जीवाडा  जानना चाहते है तो बस एक काम करे किसी एक विषय का सूचना केवल बुंदेलखंड विश्वविद्यालय और छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय;दोनों विश्वविद्यालय से संबध सभी निजी महाविद्यालय की सूचना दोनों विश्वविद्यालय से मांग ले और स्वयं  जांच कर ले छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय की निजी उच्च शिक्षा की दुकानों का फर्जीवाड़ा जो वास्ताव में डिग्री  बेंच रही है.