बुधवार, 5 जनवरी 2011

कानपुर के कोतवाल

 



पनकी हो या पुलिस चौकियां, शहर में हर कहीं दिखते हैं हनुमान मंदिर

इसे लोगों की श्रद्धा कहा जाए या महज संयोग, कि संकट मोचन हनुमान लगभग 48 लाख की आबादी वाले इस शहर के 'दैवी कोतवाल' बने हुए हैं। शहर में छोटे-बड़े मंदिरों की संख्या हजारों में है, लेकिन भौगोलिक स्थिति में नजर डालें तो रामभक्त हनुमान हर मुहल्ले और चौराहे पर विराजे हैं।
कानपुर के हर छोर पर संकट मोचन के प्रतिष्ठित मंदिर हैं, जहाँ पर यहाँ के निवासी ही नहीं बल्कि अन्य प्रदेशों से आये लोगों की आस्था नमन करती है। इनमें आप शोभन गढ़ी, पनकी, जी. टी. रोड स्थित रुमावाले हनुमान, गोल चौराहे के निकट स्थित दक्षिणेश्वर तथा सत्ती चौरा के सालासार वाले बालाजी और किदवई नगर वाले हनुमान मंदिर को गिन सकते हैं। मंदिर छोटा हो या बड़ा, यह भी चमत्कार की बात है कि शहर से जुड़े हर पुलिस स्टेशन और चौकी में हनुमान जी प्रतिष्ठित हैं।
लोग जब भी कोई नया वाहन खरीदते हैं तो सबसे पहले उनकी गाड़ी संकट मोचन की चौखट की ओर दौड़ पड़ती है जहाँ उनका विश्वास टिका है, वह जगह शोभन हो या पनकी। हनुमान जी के इन दरबारों में प्रतिदिन सुबह से ही जयकारे गूंजने लगते हैं जिसका सिलसिला देर रात तक चलता है लेकिन मंगलवार, शनिवार के दिन यहाँ बाहर से आने वाले भक्तों की संख्या हजारों में होती है। 22 वर्षों से पनकी मंदिर में प्रतिदिन मत्था टेकने आ रहे आजाद नगर निवासी सुरेश गुप्ता इस बारे में कहते हैं, ''यह वह दरबार है जहाँ हर मनोकामना पूर्ण होती है। सरकार तो सिर्फ भाव के भूखे हैं, मन में विश्वास है तो यहाँ सब कुछ है। शहर से बाहर हुआ तो कोई बात नहीं अन्यथा सुबह संकट मोचन दर्शन मेरा पहला काम है।' प्रसाद विक्रेता राम किशोर बताते हैं ''मंगल और शनिवार को यहाँ मेले जैसा माहौल होता है। सुबह से शाम तक 20-25 हजार लोग दर्शन कर जाते हैं। औसत निकालें तो यहाँ 15 कुंतल से अधिक प्रसाद चढ़ जाता है जबकि बुढ़वा मंगल जैसे पर्वों में अन्य जिलों से आये भक्तों की भीड़ 70 से 80 हजार की संख्या में होती है।'
इस दिन सुबह से ही लम्बी लाइन दर्शन की प्रतीक्षा में लग जाती है। इस बारे में और जानकारी देते हुए दक्षिणेश्वर मंदिर के पुरोहित अरविन्द शुक्ला कहते हैं, ''कानपुर के कोतवाल तो हनुमान जी ही हैं। वह चारों ओर से शहर की रक्षा कर रहे हैं, वैसे भी कलयुग में इन्हें सर्वाधिक पूज्य होने का आशीर्वाद मिला है।' वह कहते हैं कि यहाँ दिन भर दर्शन करने वालों के आने का क्रम बना रहता है।
परीक्षा के दिन हों या इंटरव्यू की घड़ी, युवाओं में संकट मोचन के प्रति अधिक आस्था देखी जा सकती है। विश्वास के साथ की गई याचना त्वरित स्वीकार होती है। इन दरबारों में आस्था और विश्वास से झुके युवाओं के मस्तक
लोगों की इस धारणा को पूरी तरह खारिज कर देते हैं कि 'आज का युवा भक्ति और उपासना से भटक गया है' क्योंकि नगरवासियों के लिए हनुमान जी यदि कानपुर के कोतवाल हैं तो युवाओं के लिए 'कलयुग की सुप्रीम कोर्ट!'
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 सौ.  अनूप शुक्ल

16 टिप्‍पणियां:

  1. सभी हनुमान भक्तो को भक्ति पुर्ण प्रणाम

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  2. पावन सुत हनुमान की जय . कंपनी बाग चौराहे पर हनुमान मंदिर तो हमारे लिए रोज सर झुकाने की जगह है .

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  3. इसमें कोई दो राय नहीं की कानपुर के कोतवाल की अपनी ही शक्ति है और पनकी वाले हनुमान की मान्यता तो उनके भक्तों से ही जानी जा सकती है.

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  4. कानपुर के कोतवाल की जय हो. मौका मिलने पर मै भी इनका आशीर्वाद लेने से नहीं चूकता.

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  5. मैं इस ब्लॉग का सदस्य बनना चाहता हूँ. इसके लिए क्या औपचारिकताएं हैं . मेरे ब्लॉग का पता है http://objectivemaths.blogspot.com/
    यह ब्लॉग उन बच्चों के लिए है जो प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं. इसमें अभी तक गणित विषय को शामिल किया गया है.
    सभी का सादर अभिनन्दन है.
    सुशील दीक्षित

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  6. पनकी के हनुमान जी सदा हम कानपुर वासियों पर अपनी दया बनाये रखे , यही मेरी प्रार्थना है

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  7. हां........हनुमान जी ने कहां कहां कब्जा कर लिया है, कभी इसके बारे में भी बताइयेगा ? शायद ही कोई पार्क हो या सार्वजनिक स्थान जहां कब्जा कराने वाले हनुमान जी न बैठों हों / हिन्दू देवी देवता अब क्या कब्जा कराने वालों का हित साधन करेन्गे ? धर्म दिखावा करने की वस्तु नहीं होती /

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  9. @ प्रकृति
    हनुमान जी हर आस्थावान वैष्णव शैव एवं भक्जनो के दिलो पर कब्ज़ा किये है रही बात पार्को सडको की तो यह बेढंगा आरोप है उन पर.
    इस सन्दर्भ में मैंने खुद यह महसूस किया था कि देवी देवताओं और महापुरुषों को ढल बना कर कुछ उपद्रवी घटिया काम को न्यायसंगत कहलवाने क़ा कार्य करते है.
    आप नीचे के लिंक देखिये
    http://pachhuapawan.blogspot.com/2010/10/blog-post_29.html
    एक बार भाव से तो देख सही पगले

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  10. सुशील जी आपका हार्दिक स्वागत है आप अपना ई मेल हमें भेजिए

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  11. बहुत ही अच्छी पोस्ट
    सत्य है हमारे कानपुर के कोतवाल तो हनुमान जी ही है .

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  12. इस शहर का इंसान है डरा हुआ

    अपनों से अपने प्रति बिम्ब से

    कुछ शुभ कर्म नहीं हो पाता

    शत्रु बहुत है पाले ,ऐसे में अपने को

    करता हनुमान जी के हवाले

    हे बरंगबली तोड़ दो दुश्मन की .......

    मित्रो कुछ शुभ कर्म कीजे

    केवल बजरंगी को ही नहीं

    राम को भी भज लीजे

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  13. हनुमान शक्ति और भक्ति के प्रतीक हैं

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