रविवार, 14 अगस्त 2016

a( matihindimasikblogspot.com): एक मात्र सत्य

a( matihindimasikblogspot.com): एक मात्र सत्य: कल तक इन वाणों  की नोकों से सहस्त्र -सहस्त्र शत्रु -सिर छेदे थे कल तक इस धनु  प्रत्यंचा से खींच शर लाखों लक्ष्य भेदे थे कितना अभिमा...