इस गंग प्रेम की प्रखर धार में ,
बह जाता ये चेतन मन ...
होती है पीड़ा कष्ट बहुत ,
पर मिलता है अदभुत आनंद ..
प्रेम के कारन जग है जीवित ,
प्राण भरे ये है अमृत ..
ये गूड रहस्यों की है माला ,
मन के सागर की उदंड तरंग ...
प्रेम नहीं कोई कोमल पथ ,
है तप से सिंचित एक उपवन ..
नहीं यहाँ स्थान कटुता का ,
भावो का होता वंदन ..
करुणा है आधार प्रेम का ,
त्याग है इसके कण कण में ..
मानव भी बन जाये ,देवो के तुल्य
बस जाये जो ये मन में ....
इस गंग प्रेम की प्रखर धार में ,
बह जाता ये चेतन मन ...
जारी ...
"" aman mishra "'
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEh5rObZMCRpTBB1GKXe4rjUZ1eF0_6FFM8WwynbYe0PEW1koe6NQRGGjMDfGPoJfc2z6nD0fOh_6tTO-lZmPZsq5ZWgBtHgnCxBycVRFADmFGHYl3f3Vp_S3RnW3IYmHq9m74wiUeMZatM/s1600/images.jpg)
होती है पीड़ा कष्ट बहुत ,
पर मिलता है अदभुत आनंद ..
प्रेम के कारन जग है जीवित ,
प्राण भरे ये है अमृत ..
ये गूड रहस्यों की है माला ,
मन के सागर की उदंड तरंग ...
प्रेम नहीं कोई कोमल पथ ,
है तप से सिंचित एक उपवन ..
नहीं यहाँ स्थान कटुता का ,
भावो का होता वंदन ..
करुणा है आधार प्रेम का ,
त्याग है इसके कण कण में ..
मानव भी बन जाये ,देवो के तुल्य
बस जाये जो ये मन में ....
इस गंग प्रेम की प्रखर धार में ,
बह जाता ये चेतन मन ...
जारी ...
"" aman mishra "'