कानपुर मात्र उद्योगों से ही सम्बंधित नहीं है वरन यह अपने में विविधता के समस्त पहलुओ को समेटे हुए है. यह मानचेस्टर ही नहीं बल्कि मिनी हिन्दुस्तान है जिसमे उच्चकोटि के वैज्ञानिक, साहित्यकार, शिक्षाविद राजनेता, खिलाड़ी, उत्पाद, ऐतिहासिकता,भावनाए इत्यादि सम्मिलित है. कानपुर ब्लोगर्स असोसिएसन कानपुर के गर्भनाल से जुड़े इन तथ्यों को उकेरने सँवारने पर प्रतिबद्धता व्यक्त करता है इसलिए यह निदर्शन की बजाय समग्र के प्रति समर्पित है.
सोमवार, 25 जून 2012
...उसके बाद वो रो पडे
"उन्होने देखा और आंसू गिर पडे,
भरी बरसात मे जैसे फूल बिखर पडे
दुख ये नही कि उन्होने हमे अलविदा कहा,
दुख तो ये है कि उसके बाद वो रो पडे".
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जवाब देंहटाएंदुःख तो ये है की उसके बाद वो रो पड़े ...सच में जुदाई और विरह के पल बहुत खल जाते ही हैं .सोनम जी ..खूबसूरत ...जय श्री राधे
जवाब देंहटाएंभ्रमर ५
Waah.... Behtreen abhivyakti...
जवाब देंहटाएंthanks a lot for liking this
जवाब देंहटाएंवाह!
जवाब देंहटाएंये दर्द का मर्म.....
कुँवर जी,