बहुत से लोग पुनर्जन्म की धारणा पर विश्वास नही करते क्यों के वे प्रमाण मांगते है और वैज्ञानिक सोच भी प्रमाण पर ही आधारित है . ऐसे बहुत से उद्दहरण पुनर्जन्म के है जिस का का विज्ञानं के पास कोई जवाब नही है .
हम बहुत की चीजे नही जानते बल्कि बहुत ही कम जानते है ज्ञान के विशाल सागर की तुलना में , पर जिसे हम नही जानते उस का अस्तित्व है और हमारे जानने या न जानने से सत्य पर फर्क नही पड़ता सिर्फ हम पर ही फर्क पड़ता है .
हम कार्य कारण की की अनन्त श्रंखला में है और जिस के कारण हम को कर्मो के फल का भोग करना ही पड़ता है .यह श्रंखला स्वचालित है और पुनर्जन्म इसी कारण होता है . यदि ऐसा न हो तो हम कर्म कर उस के फल भोगने के लिए बाध्ह्य न होते .
पुनर्जन्म इस स्वचालित प्रकति का एक हिस्सा है .
पुनर्जन्म की प्रक्रिया समझने से पहले हमें जीव क्या है जानना होगा .
म्रत्यु के साथ हमारा अस्तित्व समाप्त नही होता है क्यों की म्रत्यु सिर्फ शरीर का जीव से अलग होना है . जब तक जीव है तब तक उस का अस्तित्व है .
जीव क्या है ?
आत्मा और जीव में अंतर है . हमारे तीन शरीर माने गए है स्थूल , कारण और सूक्ष्म , स्थूल शरीर के नष्ट होने को हम म्रत्यु और सूक्ष्म शरीर के नष्ट होने को हम मोक्ष कहते है . मोक्ष मिलने का अर्थ है हमारे अस्तित्व का समाप्त हो जाना और शून्य में विलीन जाना .
कभी बहती हुए नदी में बनते हुए जल भवर को देखिये . उस का अस्तित्व है क्यों हम उस को देख रहे है पर उस में हर पल नई जल धार आ जाती है . तो क्या उस का अस्तित्व ये जलराशि है कदापि नही क्यों की वह तो प्रति पल बदल रही है . उस का अस्तित्व है वह गतिज ऊर्जा जो पुरानी जल राशी नयी को दे देती है .
ठीक यही बात हम पर लागु होती है . हमारा शरीर उस जल रही की तरह है तो जीव रूपी ऊर्जा के निकल जाने पर बिखर जाता है .
इस ऊर्जा को हम मन के नाम से जानते है. इस को आप आम बोल चल की भाषा में प्रयोग होने वाला मत समझे . यहाँ पर ये व्यापक अर्थ में प्रयोग हुआ है . इस में ही हमारे जन्म जन्मान्तरो के संस्कार संचित होते है और यही हमारे अस्तित्व के लिए उत्तरदाई है .
क्यों की हम ईश्वर के अंश है और ये श्रष्टि इश्वर की ईच्क्षा मात्र से हुई . अतः हम जो भी चाहते है वो हमें मिलता जरुर है और यही हमारे अगले जन्म का कारण बनता है .
पुनर्जनम की निश्चित प्रक्रिया होती है जिस में व्यवधान ही पड़ने पर कुछ समय के लिए प्रेत योनी प्राप्त हो सकती है . अगली पोस्ट में पुनर्जन्म प्रक्रिया और प्रेत योनी के बारे में जानकारी साझा करेंगे
स्थूल शरीर के नष्ट होने को हम म्रत्यु और सूक्ष्म शरीर के नष्ट होने को हम मोक्ष कहते है . मोक्ष मिलने का अर्थ है हमारे अस्तित्व का समाप्त हो जाना और शून्य में विलीन जाना .
जवाब देंहटाएंजीवन के रहस्यों के पहलुओ को बताती हुई सार्थक रचना
बहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंबहुत से लोग पुनर्जन्म को मानते है!
बहुत गहरी बात बताई आपने ।
जवाब देंहटाएंआपकी अगली पोस्ट का इंतजार रहेगा ।