कानपुर मात्र उद्योगों से ही सम्बंधित नहीं है वरन यह अपने में विविधता के समस्त पहलुओ को समेटे हुए है. यह मानचेस्टर ही नहीं बल्कि मिनी हिन्दुस्तान है जिसमे उच्चकोटि के वैज्ञानिक, साहित्यकार, शिक्षाविद राजनेता, खिलाड़ी, उत्पाद, ऐतिहासिकता,भावनाए इत्यादि सम्मिलित है. कानपुर ब्लोगर्स असोसिएसन कानपुर के गर्भनाल से जुड़े इन तथ्यों को उकेरने सँवारने पर प्रतिबद्धता व्यक्त करता है इसलिए यह निदर्शन की बजाय समग्र के प्रति समर्पित है.
रविवार, 28 नवंबर 2010
कम्पू की शान कानपुर महोत्सव
ठेठ कनपुरिया अंदाज़ में कानपुर महोत्सव का रंगारंग उदघाटन रविवार को हुआ. कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण बुंदेलखंड का 'पाई डंडा तथा दीवारी लोक नृत्य रहा. नानाराव पेशवा तथा लक्ष्मीबाई द्वार का उदघाटन जिलाधिकारी द्वारा किया गया यह कार्क्रम एक सप्ताह तक चलेगा. कार्यक्रम का उद्देश्य कानपुर की संस्कृति को आम लोगो से जोड़ना है.
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कानपुर महोत्सव का उदघाटन समारोह बहुत शानदर रहा । मालिनी जी के कार्यक्रम ने तो इसमे चार चाँद लगा दिये ।
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