आज ही अख़बार में पढ़ा ,मुंबई पुलिस के बाद अब कानपुर पुलिस के पास भी हाई टेक सिस्टम हो गया है। यहाँ कुछ ऐसे वर्जन भी लगाये गये है ,जो अभी देश में कहीं भी नहीं है। ऐसा बताया गया है की यह एक इंटरनेट बेस्ड तकनीक है। इस शहर को इस तकनीक की बेहद जरुरत थी ,वजह ,यहाँ अपराध भी ज्यादा है। उम्मीद है,देश के पहले हाईटेक कंट्रोल रूम से ,फ़ास्ट पुलिसिंग के साथ ,अपराधियों और व्यवस्था पर नियंत्रण स्थापित हो सकेगा।
बस ,उलझन इस बात की है ,की हमे गर्व किस बात पर होना चाहिए ,इस नये हाईटेक सिस्टम पर या इस सिस्टम की आवश्यकता महसूस कराने वाले अनलिमिटेड हाईटेक क्राइम पर ?
बस ,उलझन इस बात की है ,की हमे गर्व किस बात पर होना चाहिए ,इस नये हाईटेक सिस्टम पर या इस सिस्टम की आवश्यकता महसूस कराने वाले अनलिमिटेड हाईटेक क्राइम पर ?
Bat hiteck hone ki nahi ...mansikata ki hai ...jab eemandari ke sath santi athapit ki jay tosab sambhav hai ..santi me hi unnati hai ....jai shrikrishn....
जवाब देंहटाएंबात है सिर्फ ईमानदारी की । कारण कि जब तक पुलिस अपनी कार्यशैली में ईमानदारी व् पारदर्शिता लागू नहीं करती है तब तक तकनीक का उन्नतीकरण कोई मायने नहीं रखता है ।
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