इन दिनों हमारे यहा कितनी ज्यादा गर्मी और उमस हो रही है ..बर्दाश्त के बाहर है ये मौसम ..सुबह छह बजे से ही घर के बाहर कदम रखने की हिम्मत नही होती ...इसके बावजूद हमारे यहाँ के स्कूल अभी भी खुले हुए है ....बच्चे दो -दो बजे इस भीषण गर्मी में ट्रेफिक जाम से जूझते हुए घर पहुचते है ..हालाँकि स्कूलों की छुट्टी अब घंटे भर पहले होने लगी है ..पर बच्चों के घर पहुचने के समय में कोई ज्यादा अंतर नही आया .....बहुत से स्कूलों में तो खुले मैदान में प्रार्थना ,खेल के घंटे .भी पूर्ववत ही है.पानी भी टीचर की परमीशन के बाद .मुश्किल से पीने को मिलता है .अच्छी -खासी फीस देने के बावजूद .कक्षाओं में पंखे बंद रहते है ...रोज़ ही बच्चे बेहोश होकर स्कूल में ही गिर रहे है ....और पढाई भी न के बराबर हो रही है ....तो क्यों न अब स्कूल से बच्चो को छुट्टी दे दी जाये ......ताकि बच्चे अनावश्यक कष्ट से बच सकें और उन्हें बीमार होने से भी बचाया जा सके ..
अन्धेरगर्दी है. ये पब्लिक स्कूल वाले यूरोप के मौसम के अनुसार चलते है. मेरे भी बच्चे के साथ ऐसा ही है मैने आज मना कर दिया स्कूल भेजने से.
जवाब देंहटाएंस्वास्थ्य पहले है.
बिलकुल पवन जी ,लेकिन ज्यादातर ऐसे अभिभावक है जो बच्चे की समस्या सुनना ही नही चाहते ....बच्चे को ठोक पीटकर स्कूल भेजने में विशवास रखते है ..
जवाब देंहटाएं