बलात्कार :दोषी सिर्फ बलात्कारी ? या कोई और भी .. ज्यादा टाइम न
लूँगा आपका , क्यों की वैसे भी फ़ास्ट जमाना है .. खाना भी २ मिनट में
बनाना चाहिए तो पूरा लेख तो सभी पड़ने से रहे , फिर भी कुछ बातो को सामने
रखना चाहूँगा .... जहा देखो आज कल बलात्कारियो को ये सजा दे दो वो सजा दे
दो ,न जाने क्या क्या कितनी टाइप की सजा दे दो ,की आवाज आ रही है , ये वही
है जिन्हें फिल्म में जब हीरो विलन को मरता है तब जैसी मजा आती है , यहाँ
भी वो बस मजा ढूंड रहे है ... आखिर सजा देने से बात सुधरती होती तो , अभी
के हालिया महीनो में कई जगह ऐसे दोषियों को बहुत कड़ी सजाये दी गयी है , पर
मै इस बहस में नहीं पड़ना चाहूँगा ... अह तो आता हु असल मुद्दे पे ...
आखिर ऐसा होता क्यों है , ध्यान देने की जरुरत है जड़ तक जाने की जरुरत है ....
कुछ बिन्दुओ की और ध्यान आकर्षित करना चाहूँगा ...
१. बलात्कार के दोषियों में शायद ही कोई १०-१२ साल का हो.. सभी की उम्र १६ या उससे उपर ही सुनी मैंने , हो सकता है की अपवाद हो ..
ध्यान देने वाली बात है की इस उम्र में व्यक्ति प्राकतिक तौर पे परिवर्तन से गुजरता है और अति संवेदनशील होता है .. फैसले जल्दबाजी में लिए जाते है , कई बार अदालतों ने भी इस तत्थ्य पे सभी का ध्यान आकर्षित किया है .. ये भी एक कारन हो सकता है इस प्रकार की घटनाओ के लिए ..
२. जब हम दिन रात टीवी पे ,मीडिया पे बस ऐसे ही विज्ञापन देखते रहते है ,की ये करो तो लड़की मिलेगी वो करो तो लड़की मिलेगी ... सीमेंट की मजबूती भी लड़की दिखाती है , नौकरी ,और छोकरी तभी मिलेगी जब बत्तीसी जक्कास होगी .. अभी न्यूज़ चैनल देख रहा था , गुडिया को बचाना है .. विज्ञापन में एक लड़की आ कर बताती है की बोयस को नहीं पता की हमें क्या पसंद है , फला तेल लगाओ , ये मर्दों के लिए वगैरह वगैरह .. जब नारी को भोग की सामग्री दिखाया जायेगा तो लोगो के मन में क्या प्रभाव पड़ेगा सोचने वाली बात है ...
३.. एक बात और सोचने वाली है की सुरुवात से ही हम बन्धनों में रहते है , जब व्यक्ति नशे में होता है तो वो इसे तोड़ने का प्रयास करता है और कई बार परिणाम बहुत बुरा हो जाता है ..
४.. बलात्कार की कई घटनाये हमें ऐसे पता चलती है की फला ने आरोप लगाया की मेरे साथ बलात्कार हुआ... कई बार ऐसी बाते आपसी सहमति से होती है पर पकड़ में आने पर बलात्कार का आरोप लगाया जाता है.. माननीय सर्वोच्य न्यायलय भी इस बात पे चिंता जाहिर कर चुका है ...
५. बलात्कारी भी हमारे आपके बीच का व्यक्ति है , कही न कही समाज में भी कमी है जो इस तरह की घटनाये हो रही है .. जब हम लडकियों पे कई तरह के बंधन लगाते है , लडको पे नहीं तब प्रॉब्लम सामने आती है .. ये इन्सान का प्राकृतिक स्वाभाव है जो जिंतना छुपाने की चेष्टा करता है सामने वाला उस पर उतना ही ध्यान लगता है .. अगर हम दोनों को ही बराबर का स्थान दे तो भी समस्या सुधर सकती है , यहाँ इस बात पे भीध्यान आकर्षित करना चाहूँगा की सिर्फ लडको को ही दोषी नहीं ठहराया जा सकता कई बार लड़की की भी गलती सामने आती है पर उस पर कोई ध्यान नहीं देता और उन्हें बल मिलता है की जो कुछ भी हुआ आखिर फसेगा तो लड़का ही ..इसे रोकने की जरुरत है ..
ये कुछ तथ्य थे जिन पर मैंने आप सभी का ध्यान आकर्षित किया अब आपको सोचने की जरुरत है की कौन दोषी है , सिर्फ बलात्कारी या कोई और भी....
जय हिन्द ..
आखिर ऐसा होता क्यों है , ध्यान देने की जरुरत है जड़ तक जाने की जरुरत है ....
कुछ बिन्दुओ की और ध्यान आकर्षित करना चाहूँगा ...
१. बलात्कार के दोषियों में शायद ही कोई १०-१२ साल का हो.. सभी की उम्र १६ या उससे उपर ही सुनी मैंने , हो सकता है की अपवाद हो ..
ध्यान देने वाली बात है की इस उम्र में व्यक्ति प्राकतिक तौर पे परिवर्तन से गुजरता है और अति संवेदनशील होता है .. फैसले जल्दबाजी में लिए जाते है , कई बार अदालतों ने भी इस तत्थ्य पे सभी का ध्यान आकर्षित किया है .. ये भी एक कारन हो सकता है इस प्रकार की घटनाओ के लिए ..
२. जब हम दिन रात टीवी पे ,मीडिया पे बस ऐसे ही विज्ञापन देखते रहते है ,की ये करो तो लड़की मिलेगी वो करो तो लड़की मिलेगी ... सीमेंट की मजबूती भी लड़की दिखाती है , नौकरी ,और छोकरी तभी मिलेगी जब बत्तीसी जक्कास होगी .. अभी न्यूज़ चैनल देख रहा था , गुडिया को बचाना है .. विज्ञापन में एक लड़की आ कर बताती है की बोयस को नहीं पता की हमें क्या पसंद है , फला तेल लगाओ , ये मर्दों के लिए वगैरह वगैरह .. जब नारी को भोग की सामग्री दिखाया जायेगा तो लोगो के मन में क्या प्रभाव पड़ेगा सोचने वाली बात है ...
३.. एक बात और सोचने वाली है की सुरुवात से ही हम बन्धनों में रहते है , जब व्यक्ति नशे में होता है तो वो इसे तोड़ने का प्रयास करता है और कई बार परिणाम बहुत बुरा हो जाता है ..
४.. बलात्कार की कई घटनाये हमें ऐसे पता चलती है की फला ने आरोप लगाया की मेरे साथ बलात्कार हुआ... कई बार ऐसी बाते आपसी सहमति से होती है पर पकड़ में आने पर बलात्कार का आरोप लगाया जाता है.. माननीय सर्वोच्य न्यायलय भी इस बात पे चिंता जाहिर कर चुका है ...
५. बलात्कारी भी हमारे आपके बीच का व्यक्ति है , कही न कही समाज में भी कमी है जो इस तरह की घटनाये हो रही है .. जब हम लडकियों पे कई तरह के बंधन लगाते है , लडको पे नहीं तब प्रॉब्लम सामने आती है .. ये इन्सान का प्राकृतिक स्वाभाव है जो जिंतना छुपाने की चेष्टा करता है सामने वाला उस पर उतना ही ध्यान लगता है .. अगर हम दोनों को ही बराबर का स्थान दे तो भी समस्या सुधर सकती है , यहाँ इस बात पे भीध्यान आकर्षित करना चाहूँगा की सिर्फ लडको को ही दोषी नहीं ठहराया जा सकता कई बार लड़की की भी गलती सामने आती है पर उस पर कोई ध्यान नहीं देता और उन्हें बल मिलता है की जो कुछ भी हुआ आखिर फसेगा तो लड़का ही ..इसे रोकने की जरुरत है ..
ये कुछ तथ्य थे जिन पर मैंने आप सभी का ध्यान आकर्षित किया अब आपको सोचने की जरुरत है की कौन दोषी है , सिर्फ बलात्कारी या कोई और भी....
जय हिन्द ..
बिलकुल ,मै आपकी इस बात से सहमत हूँ ...किसी भी व्यक्ति के व्यक्तित्व के निर्माण के तमाम कारण जिम्बेवार होते है ....खासतौर से उसका परिवार ,आसपास का माहौल ,,और भी अनेको कारण ...इन सब के बावजूद ...हर व्यक्ति की अपनी सोच भी होती है ...समझ होती है ....गलती किस हद तक हो ....इतनी तो उम्मीद की ही जा सकती है ..
जवाब देंहटाएंWell said Aman
जवाब देंहटाएंBahut Achchi post lagayi.
thank you sir..
हटाएंविचारणीय लेख |
जवाब देंहटाएंsabhi ko dhanyawad..
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