एक छोटी सी बच्ची ने मुझ से पूछा क्या आप का ये लेपटाप कही भी संदेश पहुचा सकता है ? तो मैने कहा हा. उसने एक कागज का टुकड़ा जो कुछ पुराना और मुड़ा हुआ था मेरी टेबिल पर रख दिया, देखिये उसमे क्या लिखा था ......
"कोई लाकर मुझे दे
कुछ रंग भरे फूल,
कुछ खट्टे मीठे फल
थोड़ी बांसुरी की धुन
थोडा जमुना का जल
कोई लाकर मुझे दे
एक सोने जड़ा दिन
एक रूपों भरी रात
एक फूलो भरा गीत
एक गीतों भरी बात
कोई लाके मुझे दे
एक टुकड़ा छाव का
एक धूप की घडी
एक बादलो का कोट
कुछ बून्दो की छड़ी
कोई लाके मुझे दे
एक छुटी वाला दिन
एक अच्छी सी किताब
एक मीठा सा सवाल
एक नन्हा सा जवाब
कोई लाकर मुझे दे"
कुछ रंग भरे फूल,
कुछ खट्टे मीठे फल
थोड़ी बांसुरी की धुन
थोडा जमुना का जल
कोई लाकर मुझे दे
एक सोने जड़ा दिन
एक रूपों भरी रात
एक फूलो भरा गीत
एक गीतों भरी बात
कोई लाके मुझे दे
एक टुकड़ा छाव का
एक धूप की घडी
एक बादलो का कोट
कुछ बून्दो की छड़ी
कोई लाके मुझे दे
एक छुटी वाला दिन
एक अच्छी सी किताब
एक मीठा सा सवाल
एक नन्हा सा जवाब
कोई लाकर मुझे दे"
इस कविता के अंत में लिखा था भगवन जी ये सब अगर नहीं दे सकते तो हम बच्चो की दुनिया बड़ो से अलग
कर दो बड़े तो हमेशा लड़ते रहते है ......
कर दो बड़े तो हमेशा लड़ते रहते है ......
इतनी सुँदर कविता . बाल मन तो इश्वर की प्रतिकृति है . लड़ाई मत किया करो जी
जवाब देंहटाएंइस सब की पूर्ति केवल एक शब्द स हो सकती है और वह है "प्यार" बाल मन कभी और कुक ह नहीं चाहता सिवाय प्यार के और अगर उन्हें वो मिल जाये तो समझो वो सब मिलगाया जो इस कागज़ के टुकड़े में लिखा था।
जवाब देंहटाएंBal man ka sundal varnan.....
जवाब देंहटाएंsundar rachna
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