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आशा करते है कि आने वाला वर्ष और भी अधिक प्रेरणा से युक्त ,विकास कि और अग्रसर एवं आनंददायी होगा।
"नव वेला है ,नव प्रभात।
प्रकति उत्सव, है चहक राग।
आशा कि नव किरणे है बिखरी,
श्रम ,ज्ञान का तू छेड़ तान।
महक उठे ये जीवन सबका ,
व्यर्थ न जाएँ तेरे प्राण।
कर्मभूमि कि सेवा में ,नव अर्जुन,
बाणो का हो तेरे को संधान।"
………"अमन मिश्रा "………।