tag:blogger.com,1999:blog-8088792031382228442.post7097804363247568308..comments2023-10-25T04:26:00.893-07:00Comments on कानपुर ब्लोगर्स असोसिएशन "Kanpur Bloggers Association": दूर हूँ लेकिन हमारा मन तुम्हारे पास हैकानपुर ब्लोगर्स असोसिएसनhttp://www.blogger.com/profile/04062998860340210366noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-8088792031382228442.post-59255259067761491132012-10-15T23:23:20.979-07:002012-10-15T23:23:20.979-07:00इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.AMAN MISHRAhttps://www.blogger.com/profile/07559333762625841104noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8088792031382228442.post-40019161496547133002012-09-21T18:51:06.120-07:002012-09-21T18:51:06.120-07:00दूर हूँ लेकिन हमारा मन तुम्हारे पास है
बहुत खूबसू...दूर हूँ लेकिन हमारा मन तुम्हारे पास है <br />बहुत खूबसूरत जितना आपसे मिलकर खुश हुआ था उससे कहीं ज्यादा आज आपकी कविता पढकर खुशी मिली .............दीपक कुमार मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/04855610207114139323noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8088792031382228442.post-62644747343630755242011-05-09T23:49:36.050-07:002011-05-09T23:49:36.050-07:00याद की डोरी सहारे आ गए तुम शुक्रिया
लौट न जाना ह्...याद की डोरी सहारे आ गए तुम शुक्रिया<br />लौट न जाना ह्रदय से बस यही अभिलाष है <br />गोविन्द नारायण शांडिल्य जी बहुत प्यारी रचना -प्रेम और प्रेमी की प्यारी अभिव्यक्ति -विरह से कौन बचा है -लेकिन अब आप के ई परिंदों ने कबूतर से अच्छा काम जो किया कुछ आसान हो गया <br />धन्यवादSurendra shukla" Bhramar"5https://www.blogger.com/profile/11124826694503822672noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8088792031382228442.post-33545872897768490762011-05-05T04:49:34.970-07:002011-05-05T04:49:34.970-07:00अंतरजाल पर आपका स्वागत है बड़े भैया शांडिल्य जीअंतरजाल पर आपका स्वागत है बड़े भैया शांडिल्य जीDr Kiran Mishrahttps://www.blogger.com/profile/15153901070894116636noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8088792031382228442.post-32371371597554261772011-05-04T21:04:04.203-07:002011-05-04T21:04:04.203-07:00कविता बहुत सुंदर लगी. सुंदर भावों की सुंदर अभिव्यक...कविता बहुत सुंदर लगी. सुंदर भावों की सुंदर अभिव्यक्ति ने बाँध लियारेखा श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8088792031382228442.post-63908661099829146612011-05-04T21:03:09.999-07:002011-05-04T21:03:09.999-07:00कानपुर के वरिष्ठ गीतकार श्री शांडिल्य जी कल जब हमा...कानपुर के वरिष्ठ गीतकार श्री शांडिल्य जी कल जब हमारे यहाँ पधारे तो मैंने उनसे अंतरजाल से जुड़ने का आग्रह किया वो सहर्ष मान गए और परिणाम आप सब के सामने है.<br />आपके तीन संग्रह कविताओं के एवं एक खंडकाव्य प्रकाशित हो चुके है.PAWAN VIJAYhttps://www.blogger.com/profile/14648578581549077487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8088792031382228442.post-50919161274471979302011-05-04T09:42:15.325-07:002011-05-04T09:42:15.325-07:00वाह वाह.
अच्छा लगा बाँच कर......
सरस कविता !वाह वाह.<br /><br />अच्छा लगा बाँच कर......<br /><br />सरस कविता !Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/09116344520105703759noreply@blogger.com